श्रीशिवाष्टकम्
रचयिता
पं.श्रीव्रजकिशोरत्रिपाठी
***************
(१)
श्रीत्र्यम्बकाय त्रिगुणान्तकाय
त्रिलोचनाय त्रिपुरान्तकाय।
त्रिशूलहस्ताय वृषाधिपाय
दिव्याय देवाय नमः शिवाय।।
(२)
उमेश्वराय क्रतुनाशकाय
कैलासवासाय हिमप्रभाय।
भवस्य जन्मस्थितिनाशनाय
दिव्याय देवाय नमः शिवाय।।
(३)
गङ्गाधरायाऽग्निविलोचनाय
कपालमालाय सदाशिवाय।
हिमांशुभालाय वरप्रदाय
दिव्याय देवाय नमः शिवाय।।
(४)
शार्द्दूलचर्माम्बरशोभिताय
रुद्राय तापत्रयनाशकाय।
श्मशानवासाय दिगम्बराय
दिव्याय देवाय नमः शिवाय।।
(५)
पिनाकहस्ताय सुरेश्वराय
सुभस्मदेहाय विषाशनाय।
मृत्युञ्जयायाऽहिविभूषणाय
दिव्याय देवाय नमः शिवाय।।
(६)
पञ्चाननाय स्मरनाशनाय
देवाधिदेवाय गिरीश्वराय।
सुनीलकण्ठाय महानटाय
दिव्याय देवाय नमः शिवाय।।
(७)
त्रैलोक्यनाथाय महेश्वराय
रवीन्दुनेत्राय जटाधराय।
भक्तार्त्तिनाशाय शुभप्रदाय
दिव्याय देवाय नमः शिवाय।।
(८)
नन्दीश्वरायाऽसुरनाशकाय
भूतेश्वराय क्षितिरक्षकाय।
सर्वार्थसाक्षात्फलकारकाय
दिव्याय देवाय नमः शिवाय।।
इति व्यासकवि-ध्यानसम्राट्-
पण्डितश्रीव्रजकिशोरत्रिपाठिविरचितं
श्रीशिवाष्टकं समाप्तम्।
-------०---------
Comments
Post a Comment